Saturday, 20 October 2018

Darmiyaan

हमारे फासलों के दरमियां जो भी कुछ था,
बेहद हसिन और रंगीन था,
क्या किस्मत जो हसिन सपने दिखाती थी,
दिल भी ऐसा की सभी चीज मान लेता था।

No comments:

Post a Comment

ملیحہ مصافر कठोर मुसाफ़िर (मिनी सिरीज़)

मलीहा मुसाफ़िर एपिसोड -१  जीवन काल के सीमित चक्र में मानव बाल्यकाल से लेकर अपने अंतिम क्षणों तक कुछ न कुछ सीखता ही रहता है,और खुद को हर तरह क...