Friday, 11 January 2019

बाकी है....

तेरे आंखों की बारिश को आज बरस ही जाने दो,
उन अतरंग गलियों को भी थोड़ा खामोश हो जाने दो,
बस इतना समझ लो की ये तो कुछ भी नहीं,
आगे और समंदर बाकी है.....

No comments:

Post a Comment

ملیحہ مصافر कठोर मुसाफ़िर (मिनी सिरीज़)

मलीहा मुसाफ़िर एपिसोड -१  जीवन काल के सीमित चक्र में मानव बाल्यकाल से लेकर अपने अंतिम क्षणों तक कुछ न कुछ सीखता ही रहता है,और खुद को हर तरह क...