Monday, 6 May 2019

Gulab aur zindagi

कुछ मुरझाए गुलाब की पंखुड़ियों की ही तरह,
कुछ अजीब सी लगने लगी है जिंदगी,
अब इन मुलायम पंखुड़ियों की कोई जगह नहीं,
ज़िन्दगी और भी बहुत कुछ है इसके बग़ैर....

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